۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
रहबर

हौज़ा/दुश्मनों से जिन्हें इस्लाम से नुकसान पहुंचाया है और जिनको चोट लगी है, इस बात की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए कि वह इस्लामी गणराज्य व्यवस्था के संबंध में आराम से ख़ामोश बैठे रहेंगे, दुश्मन निश्चित तौर पर अपना रंग दिखाएगा,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,दुश्मनों से, जिन्हें इस्लाम से नुक़सान पहुंचा है और जिनको चोट लगी है, इस बात की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए कि वे इस्लामी गणराज्य व्यवस्था के संबंध में आराम से ख़ामोश बैठे रहेंगे।

दुश्मन निश्चित तौर पर अपना रंग दिखाएगा, दुश्मन की ओर से दुश्मनी का इंतेज़ार रहना चाहिए, लेकिन जागरुकता व समझदारी के साथ दुश्मन का सामना करना और क़ौमी हित की रक्षा के लिए, जनहित की रक्षा के लिए बेहतरीन रास्ता अपनाना और मद्देनज़र रखना चाहिए।

वह चीज़ जिसको मैं- सभी चीज़ों से ज़्यादा ज़रूरी समझता हूं, क़ौम के एक-एक शख़्स का आपस में एकजुट रहना और प्रतिष्ठित शख़्सियतों और अधिकारियों के बीच बुनियादी उसूल को लेकर एकजुटता का पाया जाना है।

बहुत सी बातों में एक बात जो हमारे मुल्क के लिए सच में बहुत अहम है, वह यह कि हमारी जनता राजनीतिक और मानसिक नज़र से सुरक्षा व सुकून का एहसास करें। समाज मानसिक नज़र से बेचैन व व्याकुल न हो। (दुश्मन) कोशिश कर रहे हैं बेचैनी और व्याकुलता फैलाएं, अस्ल चीज़ यह है, यह इस्लामी गणराज्य के दुश्मनों की नीतियों का एक हिस्सा है।

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